Vtamin D हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जो हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह शरीर में कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन को बढ़ाता है और हड्डियों को स्वस्थ रखता है।हालांकि, भारतीयों में विटामिन-डी की कमी एक आम समस्या बन गई है। इसकी कमी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे 7 फैक्टर्स, जो विटामिन-डी की कमी का कारण बन सकते हैं।
सूरज की रोशनी की कमी
विटामिन-डी को “सनशाइन विटामिन” भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर त्वचा में बनता है। अगर आप धूप में कम समय बिताते हैं, तो शरीर में विटामिन-डी का लेवल कम हो सकता है। ऑफिस में लंबे समय तक काम करना, घर के अंदर रहना, या ठंडे मौसम में धूप न मिलना इसकी कमी का अहम कारण है।
त्वचा का रंग
गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में मेलेनिन ज्यादा होता है, जो सूरज की रोशनी को अब्जॉर्ब करने की क्षमता को कम कर देता है। इस वजह से गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को विटामिन-डी की कमी होने की जोखिम ज्यादा होता है।
डाइट में विटामिन-डी की कमी
विटामिन-डी से भरपूर डाइट न लेना भी इसकी कमी का कारण बन सकता है। मछली, अंडे की जर्दी, दूध और फोर्टिफाइड फूड आइटम्स में विटामिन-डी पाया जाता है। अगर आप इन फूड्स को नहीं खाते हैं, तो शरीर में विटामिन-डी की कमी हो सकती है।
मोटापा
मोटापा विटामिन-डी की कमी का एक अहम कारण है। ज्यादा वजन वाले लोगों में विटामिन-डी फैट टिश्यूज में फंस जाता है और ब्लड में ठीक से अब्जॉर्ब नहीं हो पाता है। इससे शरीर में इसकी कमी हो जाती है।
उम्र का प्रभाव
उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की विटामिन-डी बनाने की क्षमता कम हो जाती है। साथ ही, बुजुर्ग लोगों में किडनी की काम करने की क्षमता कम होने के कारण विटामिन-डी का एक्टिव रूप में परिवर्तन नहीं हो पाता है। इसलिए, बुजुर्गों में विटामिन-डी की कमी आम है।
कुछ स्वास्थ्य समस्याएं
कुछ बीमारियां जैसे क्रोहन रोग, सीलिएक रोग या किडनी और लीवर की बीमारियां विटामिन-डी के अब्जॉर्प्शन और उसके मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती हैं। इससे शरीर में विटामिन-डी की कमी हो सकती है।
सनस्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल
सनस्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल करने से सूरज की किरणें त्वचा तक नहीं पहुंच पाती हैं, जिससे विटामिन-डी का निर्माण प्रभावित होता है। हालांकि, सनस्क्रीन त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है, लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से विटामिन-डी की कमी हो सकती है।