Farmers Protest Shambhu Border: पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर देश के किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. प्रदर्शन के 307वें दिन किसान केंद्र सरकार के साथ बातचीत की मांग पर अड़े हुए हैं. किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंढेर ने इस मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर चुप रहने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही.
फिर दिल्ली के लिए कूच करेंगे किसान
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की है कि 101 किसानों का एक नया जत्था शनिवार (14 दिसंबर 2024) दोपहर हरियाणा के शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच कर करेगा. किसानों का विरोध मार्च फिर से शुरू होने से कुछ घंटे पहले हरियाणा सरकार ने शनिवार को सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाओं को निलंबित कर दिया. यह निलंबन 17 दिसंबर तक लागू रहेगा.
अंबाला में इंटरनेट सस्पेंड
प्रशासन की तरफ से कहा गया, “अंबाला के डंगडेहरी, लेहगढ़, मानकपुर, ददियाना, बड़ी घेल, छोटी घेल, ल्हारसा, कालू माजरा, देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार), सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है.”
बजरंग पूनिया किसान आंदोलन में होंगे शामिल
पहलवान और कांग्रेस किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग पूनिया शनिवार को शंभू बॉर्डर जाकर किसानों को समर्थन देंगे. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांग को लेकर आमरण अनशन पर हैं.
बजरंग पूनिया ने शंभू बॉर्डर रवाना होने से कहा, “जगजीत सिंह डल्लेवाल को आमरण अनशन पर गए हुए शनिवार को 18 दिन हो गए है, लेकिन उसके बाद भी सरकार ने अभी तक कोई सुनवाई नहीं की. इस सोई हुई सरकार को जगाने के लिए पूरे देश को नम्रता के साथ एक होना होगा. अन्नदाता 13 महीने पहले और पिछले 10 महीने यानी कुल 23 महीनों से एमएसपी की मांग को लेकर धरने दे रहे हैं.”
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (13 दिसंबर 2024) संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के मामले में हस्तक्षेप किया, जो 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं. कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकारों से उन्हें मेडिकल सहायता देने का आग्रह किया. किसान नेता राकेश टिकैत ने पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की.
राकेश टिकैत ने चेताया
राकेश टिकैत ने कहा, “अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो दिल्ली को केएमपी एक्सप्रेसवे से घेरने की रणनीति अपनानी होगी. इसके लिए चार लाख से अधिक ट्रैक्टरों की जरूरत होगी. दिल्ली के बाहर के 11 प्वाइंटों को घेरा जाएगा.”
इससे पहले 6 और 8 दिसंबर को किसानों की तरफ से बॉर्डर पार करने की कोशिश की गई थी, लेकिन अंबाला पुलिस ने उन्हें घग्गर पुल से पार जाने नहीं दिया था. पुलिस का कहना था कि किसानों के पास आगे जाने के परमिशन नहीं है, जिसके वहां पुलिस और किसानों में झड़प हो गई.
पुलिस ने किसानों पर आंसू के गोले भी बरसाए थे. किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. यह विरोध प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किया जा रहा है.