नवा रायपुर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे तीन नाइजीरियन छात्रों—एबदुलाजीज बेना राबीयू, बसीर सुलेमान और अमीनू गरबा—को साइबर रेंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये छात्र हॉस्टल और विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ ठगी में भी सक्रिय थे।
ठगी के मुख्य तरीकों का खुलासा
प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, और बैंक केवाईसी अपडेट जैसे फर्जी कामों से लोगों को ठगते थे। ठगी की रकम को ये दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे।
यूनिवर्सिटी में 70 से अधिक नाइजीरियाई छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे पुलिस ने शंका जताई है कि ठगी के इस नेटवर्क में और भी छात्र शामिल हो सकते हैं।
बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां
इस मामले में कार्रवाई के दौरान पुलिस ने दो दिनों में 62 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें म्यूल बैंक अकाउंट धारक, ब्रोकर, और ठगी करने वाले शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ देशभर के विभिन्न राज्यों में कुल 1,435 मामले दर्ज हैं। इन मामलों में आरोपियों ने कुल 84 करोड़ 88 लाख रुपये की ठगी की है।
म्यूल बैंक खातों के जरिए ठगी
आरोपियों ने ठगी के लिए म्यूल बैंक अकाउंट का उपयोग किया।
- कई आरोपियों ने अपने बैंक खाते ठगों को 1 लाख रुपये प्रति माह किराये पर दिए।
- कुछ ने खाते में आने वाली रकम का 10-20% कमीशन लिया।
- वहीं, कुछ खाते 5,000 से 10,000 रुपये में बेचे गए।
1,100 म्यूल बैंक खातों की जांच
साइबर क्राइम पोर्टल पर 1,100 से अधिक म्यूल बैंक खातों की पहचान की गई।
जांच के दौरान:
- पीड़ितों की पहचान की गई और उनसे जानकारी जुटाई गई।
- बैंक खातों में हुए लेनदेन और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर साइबर ठगी में शामिल लोगों को चिह्नित किया गया।
प्रमुख ठगी के मामले
- उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक का मामला:
गृह मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के पोर्टल के माध्यम से खुलासा हुआ कि रायपुर स्थित उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक शाखा में म्यूल बैंक खातों के जरिए विभिन्न राज्यों से ठगी की रकम जमा की गई। - आधार कार्ड का दुरुपयोग:
एक पीड़िता के आधार कार्ड का दुरुपयोग कर 311 बैंक खाते खोले गए। आरोपी ने पीड़िता को झूठे आरोपों से डराया और 24 घंटे व्हाट्सएप वीडियो कॉल से निगरानी में रखा। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
साइबर क्राइम के मुख्य तौर-तरीके
- फर्जी एप्लिकेशन के जरिए ठगी: शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो करेंसी में निवेश का झांसा।
- टास्क आधारित ठगी: गूगल रिव्यू, टेलीग्राम टास्क, और बैंक केवाईसी अपडेट के नाम पर।
- डिजिटल पहचान का दुरुपयोग: गूगल सर्च और आधार कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी बैंक खाते खोलना।
पुलिस अब ठगी नेटवर्क के अन्य सदस्यों, बैंक कर्मचारियों, और ब्रोकरों की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। साइबर क्राइम विभाग ने इस कार्रवाई को बड़ी सफलता के रूप में देखा है।