बीजेपी के दिग्गज नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ गई है। शनिवार को उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विनीत सूरी की देखरेख में आडवाणी का इलाज किया जा रहा है।
ICU में स्थिर है हालत
दिल्ली के अपोलो अस्पताल की ओर से कहा गया कि आडवाणी की तबीयत अभी स्थिर है। बीजेपी के सीनियर नेता को चिकित्सा मूल्यांकन और मेडिकल जांच के लिए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह डॉक्टर विनीत सूरी की देखरेख में हैं। वर्तमान में आईसीयू में भर्ती है और उनकी हालत स्थिर है। इसके साथ ही अस्पताल की ओर से कहा गया कि हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस समय परिवार की निजता का सम्मान करें। उचित रूप से आगे के अपडेट प्रदान किए जाएंगे।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी 97 साल के हैं। पिछले 4-5 महीनों के अंदर वो करीब चौथी बार अस्पताल में भर्ती हुए हैं। आडवाणी को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस साल उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जुलाई में दिल्ली एम्स से छुट्टी मिलने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें अपोलो में भर्ती कराया गया था।
वाजपेयी की सरकार में रहे उप प्रधानमंत्री
आडवाणी साल 2002 से 2004 तक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 1980 में जनता पार्टी के विघटन के बाद आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना की थी। दोनों ने मिलकर पार्टी की विचारधारा को आकार देने और पूरे भारत में इसके प्रभाव को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
1990 में रथ यात्रा का किया नेतृत्व
आडवाणी के राजनीतिक जीवन में मील का पत्थर राम जन्मभूमि आंदोलन का उनका नेतृत्व था। अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की वकालत करते हुए उनकी 1990 की रथ यात्रा ने हिंदू राष्ट्रवादी भावनाओं को उभारा और उन्हें एक प्रमुख जन नेता के रूप में स्थापित किया।