बीजापुर। दक्षिण बस्तर में नक्सलियों का सबसे ताकतवर आधार क्षेत्र में सुरक्षा बल को मंगलवार को नक्सलियों को एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण कैंप को ध्वस्त करने में सफलता मिली है।
बीजापुर जिला मुख्यालय से 100 किमी दूर शीर्ष नक्सली हिड़मा के प्रभाव वाले क्षेत्र में कोंडापल्ली और कौरगट्टा के बीच भट्टीगुड़ा में सुरक्षा बलों को सर्चिंग अभियान के दौरान यह कैंप मिला। दो एकड़ में विस्तारित इस कैंप में नक्सलियों के ठहरने के लिए पक्के बैरक बने हुए थे। यहां शेड भी बनाए थे, जहां नक्सलवाद के बारे में पाठ पढ़ाया जाता था।
ऊंचे पेड़ों पर चढ़ाई के लिए ट्रेंच बने थे। कैंप में नक्सलियों ने लोहे का वाचर टावर भी बना रखा था। कैंप के पास ही नक्सलियों ने कुछ दिन पहले बीमारी से मरे केंद्रीय समिति स्तर के नक्सली करटम सुदर्शन का विशाल स्मारक बना रखा था।
नक्सलियों की ताकतवर बटालियन का प्रशिक्षण कैंप
बता दें कि नक्सलियों की सबसे ताकतवर बटालियन का यह प्रशिक्षण कैंप है, जिसमें 300 से अधिक हथियारबंद नक्सली हैं। झीरम से लेकर देशभर में बड़ी घटनाओं के पीछे नक्सलियों की इसी बटालियन का हाथ बताया जताया जाता है।
नक्सलियों की देश में एकमात्र बटालियन का कमांडर बारसे देवा है, जिसे हिड़मा के सेंट्रल कमेटी सदस्य बनाए जाने के बाद कुछ दिन पहले ही कमांडर बनाया गया था। बटालियन का प्रभारी अब भी हिड़मा है।
कुछ दिन पहले ही भागे नक्सली
- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पिछले माह बस्तर में प्रवास के दौरान वर्ष 2026 तक नक्सलियों का समूल सफाया करने की बात कही थी। इसके बाद से नक्सलियों के आधार वाले क्षेत्र में सुरक्षा बल ने नक्सल विरोधी अभियान तेज किया है।
- दक्षिण बस्तर में तर्रेम से आगे तेलंगाना की ओर चिन्नागेलूर, गुंडेम, छुटवाही के बाद जिड़पल्ली-एक, जिड़पल्ली-दो, कोंडवाही के आगे कावड़गट्टा तक सुरक्षा कैंप की श्रृंखला खड़ी कर दी गई है। पुलिस के अनुसार यह कैंप नक्सली कई वर्षों से प्रशिक्षण के लिए उपयोग कर रहे थे। अब कैंप की स्थिति देखने पर पता चलता है कि कुछ दिन पहले ही नक्सली इस कैंप को छोड़कर भागे हैं।