रायगढ़। दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए मंगलवार को टीपाखोल जलाशय पहुंचे बालोद जिले के डिप्टी कलेक्टर अजय किशोर का बेटा जाय लकड़ा पानी (25) डूब गया। देर रात तक गोताखोर उसकी तलाश में जुटे रहे लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। बुधवार की सुबह गोताखोरों ने उसका शव गहरे पानी से निकाला।
ऐसे हुई यह घटना
- मिली जानकारी के मुताबिक जाय लकड़ा दिल्ली में पढ़ रहा था। काॅलेज की छुट्टी में वह रायगढ़ आया था। मंगलवार की रात आठ बजे के आसपास अपने दो दोस्तों के साथ वह टीपाखोल डैम घूमने, बर्थड़े पार्टी मानने के लिए आया था।
- जब डैम के ऊपर गेट खोलने वाले पांइंट पर खड़ा था, तभी उसका ईयरबड्स पानी में गिर गया। ईयरबड्स के लिए वह पानी में उतरा और डूब गया। उसे तैरना नहीं आता था।
- सूचना पर कोतरा रोड पुलिस के साथ, रायगढ़ से आला अधिकारियों की टीम तथा जिंदल अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। रेस्क्यू टीम रात 12 बजे तक डूबे युवक को ढूंढ़ती रही।
- मृतक का गृह ग्राम अंबिकापुर है। उसने बीकाम कर लिया था। टेट की तैयारी कर रहा था। मृतक की मां जिंदल स्कूल में शिक्षक है।
मनी लान्ड्रिंग और लेवी वसूली मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के विशेष सचिव की जमानत अर्जी खारिज
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नागरिक आपूर्ति निगम के विशेष सचिव और मार्कफेड के एमडी मनोज कुमार सोनी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। राइस मिलर्स से लेवी वसूली और मनी लान्ड्रिंग मामले में संलिप्तता के पुख्ता सबूत मिलने पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। मनोज कुमार सोनी 1995 बैच के आइटीएस अधिकारी हैं।
26 जून 2014 से छत्तीसगढ़ सचिवालय में विशेष सचिव के पद पर पदस्थ थे। नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड के एमडी के रूप में भी उन्होंने अतिरिक्त प्रभार संभाला। आईटी विभाग ने जुलाई 2023 में उनके निवास पर छापा मारा था।
इस दौरान 1.05 लाख रुपए नगद, तीन सोने के सिक्के और 1.21 लाख रुपए से अधिक के सोने के आभूषण जब्त किए गए। जांच के बाद ईओडब्ल्यू और ईडी ने एफआईआर दर्ज कर उन्हें 30 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हाई कोर्ट ने जमानत याचिका क्यों खारिज की मनोज सोनी ने स्वास्थ्य के आधार पर नियमित जमानत के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दिया था।
जस्टिस ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि दस्तावेज़ों और सबूतों से यह स्पष्ट होता है कि आरोपी इस घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। जांच में राइस मिलर्स से अवैध वसूली और अपराध की आय को मनी लान्ड्रिंग में इस्तेमाल करने के साक्ष्य मिले हैं।
कोर्ट ने कहा कि आवेदक की संलिप्तता के पर्याप्त प्रमाण हैं, जो अन्य आरोपितों के साथ उसकी सांठगांठ को दर्शाते हैं। दस्तावेजों में ऐसे तथ्य हैं, जो अपराध की गंभीरता को स्पष्ट करते हैं। स्वास्थ्य आधार पर जमानत देने के अनुरोध को कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि हिरासत में उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा रहा है।
धारा 45(1) के तहत जमानत से इंकार कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मनी लान्ड्रिंग की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए और धारा 45(1) के विशेष प्रावधानों के आधार पर आरोपित को जमानत देना उचित नहीं है। इस प्रकार, जमानत याचिका खारिज कर दी गई।